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म्यांमार की सीमा पर मिजोराम में शऱणार्थी शिविर म्यांमार की सीमा पर मिजोराम में शऱणार्थी शिविर  (AFP or licensors)

विश्व शरणार्थी दिवस “घर से दूर आशा को” प्रोत्साहित करता है

20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष इसकी विषयवस्तु है, “घर से दूर आशा”। एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना, जहाँ शरणार्थी हमेशा शामिल किये जाएँ। यह एक ऐसा विषय है जो अंतर्राष्ट्रीय काथलिक आप्रवासन आयोग (आईसीएमसी) के लिए भी प्रिय है: शरणार्थियों को एकीकृत करना और उन्हें अपने मेजबान देशों में योगदान करने में मदद देना। भारत की ख्रीस्तीन नातन ने इस अवसर पर, भारत में आप्रवासियों के अधिकारों के लिए कार्य करने पर अपना अनुभव साझा किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 20 जून 2023 (रेई) संत पापा फ्राँसिस ने विश्व शरणार्थी दिवस पर चेतावनी दी है कि शरणार्थी समस्या पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या बन सकती है जिससे हर कोई प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता। उन्होंने इसका सामना करने हेतु सहयोग का आह्वान किया है।  

20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस की याद करते संत पापा ने एक ट्वीट में कहा, “संघर्षों और जलवायु परिवर्तन से भाग रहे इतने हताश लोगों में ख्रीस्त के बारे सोचना, अतिथि सत्कार की समस्या का बिना किसी बहाने और बिना देर किए एक साथ सामना करना जरूरी है, क्योंकि इसका असर देर-सबेर हम सभी को महसूस होगा।”

अंतर्राष्ट्रीय काथलिक प्रवासन आयोग (आईसीएमसी) की अध्यक्ष, भारत की ख्रीस्तीन नातन ने
अंतर्राष्ट्रीय काथलिक प्रवासन आयोग (आईसीएमसी) की अध्यक्ष, भारत की ख्रीस्तीन नातन ने

सुरक्षा और सेवा

विश्व शरणार्थी दिवस के लक्ष्यों को जिनेवा में स्थित अंतर्राष्ट्रीय काथलिक आप्रवासन आयोग (आईसीएमसी) भी अपनाता है। इसकी प्रशासन समिति रोम में इसे मनाने के लिए एकत्रित हुई है। आईसीएमसी का मिशन है बिखरे लोगों को सुरक्षा प्रदान करना एवं उन्हें अपनी सेवा देना, जिनमें जाति, धर्म और देश से परे हर प्रकार के शरणार्थियों, आश्रय की खोज करनेवालों, आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों, मानव तस्करी के शिकार एवं आप्रवासी लोगों की मदद शामिल है। यह अक्सर काथलिक कलीसिया के अधिकांश वैश्विक शरणार्थी और आप्रवासी पहुँच के लिए समन्वय केंद्र होता है।

अंतर्राष्ट्रीय काथलिक प्रवासन आयोग (आईसीएमसी) की अध्यक्ष, भारत की ख्रीस्तीन नातन ने इस अवसर पर, भारत में आप्रवासियों के अधिकारों के लिए कार्य करने का अपना एक बड़ा अनुभव साझा किया। उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 21 देशों में अपनी गतिविधियों को निर्देशित करनेवाले अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) में श्रमिकों की शिक्षा के लिए एक क्षेत्रीय विशेषज्ञ के रूप में भी आठ साल सेवा की है। वे मुंबई महाधर्मप्रांत के आप्रवासी और श्रम आयोग की सदस्य भी हैं।

अंतर्राष्ट्रीय काथलिक प्रवासन आयोग की अध्यक्ष, ख्रीस्तीन नातन का साक्षात्कार सुनें

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20 June 2023, 18:06